अगर मै चाहुं तो भी तुजे मिल भी ना शकु Hindi Kavita
Agar Mai Chahu To Bhi Tuje Mil Na Saku Hindi Kavitaअगर मै चाहुं तो भी तुजे मिल भी ना शकु कयुं मुज से इतनां दूर तुमने बसेरा बना लिया शुकुन के कुछ पल के लिए मै इतनां सफर तय करने मे शायद यह जिंदगी कम पड जाये. इस लिए आज महोतरमां तुंम वादा करो के अगले जनम मे मेरे हाथ से छुं शकुं इतनी करीब रहोगी -नरेश के.डॉडीया
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