Bojo Jivan No Hu Uthavi Tahkvano Nathi Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia

Bojo Jivan No Hu Uthavi Tahkvano Nathi Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
Bojo Jivan No Hu Uthavi Tahkvano Nathi Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
बोजो जीवननो हुं उठावी थाकवानो नथी
छुं रेसनो धोडॉ कदी हुं हांफवानो नथी

परछाइ जेवो साथ माणसनो मळॅ छे अहीं 
ए रात पडता साथ मारी चालवानो नथी

हुं इश्क करुं,सजदा करूं,तारा विचारे फरूं
तुं क्हे ए रीते तो तने हुं चाहवानो नथी

हारी शकुं छुं,जीतनी बाजी अगर तुं कहे
तुं कहे ए प्यादाने कदी हुं मारवानो नथी

कायम लखुं छु काव्य तारी यादमां खळभळी 
पण यादमा तारी कदी हुं जागवानो नथी

आपी शकुं तारा गजाथी पण वधुं,ते छतां
तारा गजानो माप हुं पण काढवानो नथी 

मौसम सरीखो हुं मिजाजी मानवी छुं छतां
पुष्पो सरीखो भाव कायम राखवानो नथी

हुं द्रार पर तारा कदी पण आववानो नथी
आवी चडुं तो पण टकोरा मारवानो नथी

में मागणीओ एटले पडती मूकी छे खुदा
हुं जाणु छु जे जोइ छे तुं आपवानो नथी

मारी "महोतरमा" छे मारा व्हालनी पांबंध 
एना सिवाई कोइ बीजीनो थवानो नथी 
-नरेश के.डॉडीया
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