मैंने तुम्हारी याद को दिल से लगा रक्ख़ा है Hindi Gazal By Naresh K. Dodia
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मैंने तुम्हारी याद को दिल से लगा रक्ख़ा है Hindi Gazal By Naresh K. Dodia |
मैंने तुम्हारी याद को दिल से लगा रक्ख़ा है
जैसे की मेरे दिल के नीचे यूँ गदा रक्खा है
बेताब सा आलम हमारा नाम से तेरे है
हमने तुम्हारा नाम इस लिए बला रक्खा है
तस्वीर तेरी देखकर मे तों यूँ खो जाता हूँ
जैसे ये आंखों के लिए जन्नत सझा रक्खा है
मिल के भी तू मिलती नहीं चाहता हूँ जैसे
तेरे इसी तेवर ने हम से फासला रक्खा है
चँचल हसीना की तरह नखरे नहीं अच्छे है
हस्ती हमारी भी है हमने कुछ जीमा रक्खा है
हमने ये माना खूबसूरत हो मगर ये जानो
तेरे से भी अच्छी हसीना को भूला रक्खा है
बहारो के मौसम तो आते और जाते रहेंगे
चाहत का तेरा बाग हर मौसम खिला रक्खा है
जब से तू आयी है "महोतरमा" जीवन में मेरे
मेरी ग़ज़ल मे इश्क का मेला लगा रक्खा है
-नरेश के.डॉडीया
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