Lathbath Pyar Thi Mane Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia

Lathbath Pyar Thi Mane Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
Lathbath Pyar Thi Mane Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
लथबथ प्यारथी मने आंलिगनमां जकडी राखे छे
मारी माशुका”जिंदगी”एक पळ माटे अळगो करती नथी
एने डर छे के!?
रखे ने क्यां हुं
एनी सौतन”मोतनी देवी”नी पनाहमां चाल्यो जइश

पण मारी भोळी माशुका “जिंदगी”ने खबर नथी के
एक दिवस गुपचुप रीते
“मोतनी देवी”नी पनाहमां चाल्यो जइश
कायम माटे

मनोमन मारी प्रिया”जिंदगी”बबडती हशे
आखरे तो तुं पण पुरुष खरोने
मन भराय गयुं एटले बीजी पासे चाल्यो गयो..

जिंदगीनां विधवापणामां कविता जेवुं रह्युं नथी
तेथी ज तो..

“मोतनी देवी”खूबसूरती उपर आखरी कविता लखतो जइश

ए मारा अस्तित्वनो मिजाजनी आखरी कविता हशे
जे मारां जिवत अस्तित्वनी आखरी रचना हशे
अने ते यादगार हशे.
मारा अस्तित्वनो मिजाज ए ज
मारी जीवन सृष्टीना सौंदर्यनुं समुहगान छे…
जे एक कविनी मरणॉमुख जुबानी हशे!
-नरेश के.डॉडीया
Advertisement

No comments:

Post a Comment