Sakal Jivan NI Pida Avtare Che Angdi Mathi Gujarati Gazal By Manoj Khandheria

Sakal Jivan NI Pida Avtare Che Angdi Mathi Gujarati Gazal By Manoj Khandheria
Sakal Jivan NI Pida Avtare Che Angdi Mathi Gujarati Gazal By Manoj Khandheria 
सकळ जीवननी पीडा अवतरे छे आंगळीमांथी
न थती जाण ने वींटी सरे छे आंगळीमांथी

करुं जो बंध मुठ्ठी- हस्तरेखा थई जती भीनी,
झीणुं झाकळ समुं कैं झरमरे छे आंगळीमांथी

न स्पर्शातुं – न तरवरतुं – न रोकातुं – न समजातुं
पवनथी पातळुं आ शुं सरे छे आंगळीमांथी

जीवननी शुष्क बरछटतानुं आश्वासन छे एक ज आ
सुंवाळुं रोज रेशम फरफरे छे आंगळीमांथी

वीत्यां छे वर्ष प्हेला स्पर्शनी पूनमने झील्याने -
छतां भरती हजी क्यां ओसरे छे आंगळीमांथी

पीळाछम बोर जेवो पोषनो तडको झील्यो एनी -
हजी पण वास कैं आव्या करे छे आंगळीमांथी

चमत्कारो नथी तो आ लखाता शब्दो बीजुं शुं?
सतत कागळ उपर कंकु खरे छे आंगळीमांथी
- मनोज खंडेरिया
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