Lagni Na Naam Thi Asanathi Kharchato Rahyo Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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| Lagni Na Naam Thi Asanathi Kharchato Rahyo Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
लागणीना नामथी आसानीथी खरचातो रह्यो
एक दरियो थइ नदीनी चाहमां अटवातो रह्यो
हुं हतो नखशीख नक्कर ते छता पीगळतो रह्यो
चीज सौने गमती थइने रोज हुं टीपातो रह्यो
एक साथे सौनी इच्छा क्यां पूरी थाती होय छे?
एकनी पूरी करीने हुं अन्यमां जातो रह्यो
एक माणस आयनाने जोइने थाकी जाय छे
एक इच्छानां नगरमां जातथी संतातो रह्यो
भरथरीथी लइने क्रिष्नानी अदाकारी करतो हुं
पामवा तरछोडवानां खेलमां अथडातो रह्यो
साव नक्कर कोइनुं जीगर कदी मळवानुं नथी
कोइना हाथे तूटी बीजाथी हु संधातो रह्यो
एक ठेकाणे टकी पण ना शकी चंचळ मन धरी
एक स्थाने ना गमे तो अन्य स्थाने जातो रह्यो
रोज पेदा कयां सुधी करवा गझलने काव्यो नवां
प्रेम एक ज छे, छता नवतर बनावी गातो रह्यो
कोइ ओळख ना हती मारी महोतरमां श्हेरमां
तुं मळी ए पळथी तारा नामथी पंकातो रह्यो
-नरेश के.डॉडीया
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Gujarati Gazals

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