मारी जिंदगीमां एक चोक्कस एक ध्येय हतो Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
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मारी जिंदगीमां एक चोक्कस एक ध्येय हतो Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia |
मारी जिंदगीमां एक चोक्कस एक ध्येय हतो
जेमां लेखन अने साहित्यनुं कोइ स्थान नहोतुं
एक वास्तववादी अने बदलाता संजोगोने
ध्यानमां लइने जीवनारो एक धंधादारी माणस हतो...
जेनुं लक्ष्य एक ज हतुं..
पैसा अने धंधानो विकाश..
अने तारी साथेनी सतत सहियारी सफरमां
जिंदगीना एक नवा पहेलुनी जाणकारी मळी छे...
के जिंदगीमां पैसा सिवाय बीजु घणुं छे
पैसाथी खरीदी शकातुं नथी....
माणसने पैसाथी खरीदी शको
एनी पासेथी धार्यु काम करावी शको छो...
पण एनी लागणी पैसाथी खरीदी ना शकाय
अने जो प्रेम पैसाथी मळतो होय तो
दुनियानो कोइ अमीर माणस प्रेमनी बाबतमां
आटलो गरीब ना होत..
त्यारे मने तारी कजुंसाइ याद आवे छे...
"तुं मने हमेशां कहेती रहे छे,
तुं बहुं उडाउ छे एटले तने जोइए एटलो प्रेम आपुं छु,
कारणके वारमवार "आइ लव युं" तने कह्यां करूं तो
तने प्रेमनी अछत ना रहे
माटे मारे सततने आ बाबतमां तंग राखवो पडे छे
मने ज्यारे खबर पडी जाय के
तारा ह्रदयनुं खीस्सु खाली थयुं छे
त्यारे चुपकेथी एमा एमां"आइ लव युं."
नाखी दउ छुं.
अने तने "महोतरमानां" प्रेमनो
एकलोतो अमीर बनावी दउ छुं
-नरेश के. डॉडीया
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Gujarati Kavita
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