तुं आवुं ना कहे यार…Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
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तुं आवुं ना कहे यार…Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia |
तुं सतत मारी साथे एक वात करे छे…
के हुं पहेला करता नानी लागुं छुं…
आजे मारा जुना फोटोनां बधा आलबम जोती हती
त्यारे मने साचे लागे छे के हुं
दिवसे दिवसे युवान थती जांउ छुं
(तारी भाषामां जुवान)
याद छे ते शुं कह्युं हतुं
मारो एक फोटो जोइने?
तारी काठीयावाडी भाषामां कह्युं हतुं,
“तुं तो दिवसे दिवसे जुवानडी थाती जाय छे बाइ"
अने आ फोटोमां तारा छुटा भीना वाळ अने
मेकअप विनानां चहेरानी
गरिमां जोइने एम ज लागे के
सुहागरात पछीनी सवारे नवीनवेली दुल्हननां चहेरे
जे उन्मादनी आभा होय आवुं ज कैक नजर आवे छे
तुं आवुं ना कहे यार…
तारी "महोतरमाने"
अरीसा सामे बहुं महेनत करावे छे.
-नरेश के.डॉडीया
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Gujarati Kavita
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