बहुं जुज मित्रो एवा होय छे Quote By Naresh K. Dodia
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| बहुं जुज मित्रो एवा होय छे Quote By Naresh K. Dodia |
घणी वार आपणा संबंध एकदम निखालस अने सरळ व्यकित साथे होय छे..आजनां समयमां आवी व्यकित नशीबदार लोकोने ज मळे छे..छतां पण आवी व्यकित साथेनां संबंध क्यारेक दुविधामां मूकी दे छे..कारणके मोटे भागे सरळ अने निखालस व्यकितने सामे वाळा माणसने ओळखवामां थाप खाइ जता होय छे.परिणामे जे निखालस अने सरळ व्यकित साथे गाढ संबंध छे,ए ज व्यकित तमारुं मुल्याकंन अन्य व्यकितए तमारा विशे कहेली वात परथी करी शके छे..आजनां समयमां सामे वाळा माणसने ना परखी शको कदी एवा सरळ निखालस बनवामां सार नथी..बहुं जुज मित्रो एवा होय छे जेने तोडवा करतां जोडवामां वधुं रस होय छे अने उपरथी मीठा बोला स्वभावनां अने खानगीमां आपणु पतुं कापवामां मानतां होय छे..जे व्यकितमां माफ करवानी भावनां अने संबंधोने तोडवा करतां जोडी राखवामां रस होय एवा मित्रो ज साथे नजदीकतां केळववी जोइए..जेम पांचे आंगळी सरखी नथी होती एम बधां मित्रो पण एकसरखा नथी होता.
-नरेश के.डॉडीया
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