साद पाडुं एटली आ दूरता जो हुं हटावी शकुं Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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साद पाडुं एटली आ दूरता जो हुं हटावी शकुं Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
साद पाडुं एटली आ दूरता जो हुं हटावी शकुं
तो ज तारो हाथ मनगमती पळॉमां हु दबावी शकुं
छे सितम आ कायमी दूरीना एनो कोइ इलाज क्यां?
आसुंओनी कायमी तकारार पर पाबंध लावी शकुं
जिंदगीमां एक जण माटे आजीवन कां तडपवुं लख्यु
आ तडपने टेरवानी जातथी अळगी बतावी शकुं
एक गीतामा हतुं जे,ए अवेस्ताने कुरानोमां हशे
सत्यथी आगळ मळे ए तथ्य शायर थइ जतावी शकुं
हाथमां बाजी जीवननी लइने हुं फरतो रहुं छुं सदा
हुं मरणने पण गझलमां मौज छे एवु लखावी शकुं
पीड तारी ए पराइ होय ए मानी ज शकतो नथी
जातमा मारी खुपावी ने तने छेपट बचावी शकुं
आ मनमानी कायमी मारा उपर शाने चलाव्या करे?
ने गजु मारू नथी के तने हुं मरजीथी सतावी शकुं
मननी दूरी होय त्यारे वात समजी ना शकीए कदी
मारू चाले तो हुं कायमनी आ दूरीने धटाडी शकुं
बस "महोतरमां" तमारा प्यारमां उंचुं छे मारू आ सर
भाव साथेनो भरोसो जोइ मारूं सर जुकावी शकुं
-नरेश के.डॉडीया
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