तारा पणाना ख्यालमाथी ब्हार नीकळवुं छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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तारा पणाना ख्यालमाथी ब्हार नीकळवुं छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
तारा पणाना ख्यालमाथी ब्हार नीकळवुं छे
मारामा खोवायेल हुं साथे फरी रमवुं छे
इतिहासने वागोळवो गमतो नथी एटले
पाछोतरूं सधळुं भूंसीने नवुं लखवुं छे
एवी करामत कोइ रब क्यारेय करतो नथी
माणसनां मन जाणी शके ए जादुं करवु छे
तलसाट शुं छे ए बतावा कैंक एवुं करुं
धरती ध्रुजे ए रीतथी तारामां धणधणवुं छे
आराधनां करतो रह्यो काव्यो गझलने लखी
व्याकुळ ह्रदय इश्वरनुं बने ए स्त्रोतमां सजवुं छे
फेकी नथी शकता कदी प्हेरण गणी मानवी
तेथी ज कोइना वदन पर तल बनी टकवुं छे
माणसथी माणसने जुदा करवाने सरहद बनी
क्यारेय पांबंधी नडे ना विश्व ए रचवुं छे
चाही छे मे मारी महोतरमांने ए रीतथी
सामेथी कहेशे चाल पाछा प्र्रेममां पडवुं छे?
-नरेश के.डॉडीया
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