एक धारो कोइनो परचम लहेरातो नथी Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
![]() |
एक धारो कोइनो परचम लहेरातो नथी Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
एक धारो कोइनो परचम लहेरातो नथी
आ समय छे,एकधारो कोइनो थातो नथी
आंखनी साथे ह्रदयमां जे टकी ग्या कायमी
ए जगाए अन्यनो दावो कदी थातो नथी
ए अनोखो होय छे माहोल एनी साथमां
एकरस थाता ह्रदयनो भाव परखातो नथी
जर-जमीनोनी रखेवाळी करीने शुं मळ्यु?
रोटली बेथी वधुं क्यारेय तुं खातो नथी
आंखडीनो तुं भरोसो क्यां सुधी करशे भला?
भेद दिलनो कोइनी आंखोमां वंचातो नथी
सांज फेकी ने गया छे आयखानी चोकटे
कोइ पगरव ए ज दी’थी चोकटे गातो नथी
जयारथी अधिकार आप्यो छे’महोतरमा’नेमें
त्यारथी लोभामणी ओफरथी ललचातो नथी
-नरेश के.डॉडीया
Labels:
Gujarati Gazals
No comments:
Post a Comment