मने हुं गमुं छुं पण ज्यारे पण तमारी साथे होउं छुं Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia

मने हुं गमुं छुं पण ज्यारे पण तमारी साथे होउं छुं Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
मने हुं गमुं छुं पण ज्यारे पण तमारी साथे होउं छुं Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
मने हुं गमुं छुं पण ज्यारे पण तमारी साथे होउं छुं
त्यारे हुं पंण मारी जातने तमारी आंखेथी मने जोउ छुं
दर्पणनी सामे जोइने हुं क्यारेक एकली एकली हसुं छुं
प्रतिबिंब बनुं छुं ज्यारे तमारी आंखोथी मने जोउं छुं

फुलो ने वेणी गजराथी सजवानो मने तो बहुं शोख छे
सुंगधी उठुं ज्यारे तमारी आंखेथी खिलती मने जोउं छुं
मारी घुंघराळी लटॉथी रमवानो मने बहुं पण शोख छे
लटको करती जाय लटॉ ज्यारे तमारी अदाथी मने जोउं छुं

मारी बिन्दास ने अल्लड अदानां दिवानाओ अनेक छे.
खूद शरमांइ जांउ छुं ज्यारे तमारी आंखोथी मने जोंउ छुं
तमारूं सानिध्य मारी अंदर पडेली षोडसीने जगाडे छे.       
मुग्धता जागी उठे छे,ज्यारे तमारी गझलमां मने जोंउ छुं

कदी नहोतो मारी जिंदगीमा आवो मजानो रेश्मी माहोल
पंखीनां पींछानी मावजतमां ज्यारे सचवाती मने जोउ छुं
लागणीना तार झंझोडी नाखे छे ज्यारे मने दुःखी जुओ छो
तमे सहेलावो,त्यारे तमारा व्हालमां भींजाती मने जोउ छुं
-नरेश के.डॉडीया
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