चपटीकमां उगवुं पछी चपटीक खीली ऊठवानुं होय छे Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia
![]() |
चपटीकमां उगवुं पछी चपटीक खीली ऊठवानुं होय छे Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia |
चपटीकमां उगवुं पछी चपटीक खीली ऊठवानुं होय छे
छॉडी फीकर दुनियानी मस्तीराम थइने जीववानुं होय छे
सौगात जेवुं जिंदगीमा कोइने मळतु नथी ज्यां कोइने
लंबाइ जेवी हाथनी छे आभ एवुं आंबवानुं होय छे.
- नरेश के. डॉडीया
Labels:
Muktak
No comments:
Post a Comment