दिवसो जुदाईना जाय छे, ए जशे जरूर मिलन सुधी: Gujarati Gazal By Gani Dahiwala
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दिवसो जुदाईना जाय छे, ए जशे जरूर मिलन सुधी: Gujarati Gazal By Gani Dahiwala |
दिवसो जुदाईना जाय छे, ए जशे जरूर मिलन सुधी:
मने हाथ झालीने लई जशे, हवे शत्रुओ ज स्वजन सुधी.
न धरा सुधी, न गगन सुधी, नहीं उन्नति, न पतन सुधी,
अहीं आपणे तो जवु हतुं, फकत एकमेकना मन सुधी.
हजी पाथरी न शकयुं सुमन परिमल जगतना चमन सुधी,
न धरानी होय जो संमति, मने लै जशो न गगन सुधी.
छे अजब प्रकारनी जीदंगी, कहो एने प्यारनी जीदंगी;
न रही शकाय जीव्या विना, न टकी शकाय जीवन सुधी.
तमे रांकनां छो रतन समां, न मळो हे अश्रुओ धूळमां,
जो अरज कबूल हो आटली तो हृदयथी जाओ नयन सुधी.
तमे राजराणीनां चीर सम, अमे रंक नारनी चूंदडी !
तमे बे घडी रहो अंग पर, अमे साथ दईए कफन सुधी.
जो हृदयनी आग वधी ‘गनी’, तो खुद ईश्वरे ज कृपा करी;
कोई श्वास बंध करी गयुं, के पवन न जाय अगन सुधी.
- गनी दहींवाला
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