एक इच्छाना नगरमा रातवासो करवो छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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एक इच्छाना नगरमा रातवासो करवो छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
एक इच्छाना नगरमा रातवासो करवो छे
एक कीस्सो त्यां फरी मारेय ताजो करवो छे
एक साथे ना मळ्युं एवा समयनां दावमां
साथमां तुं हो एवा गाळाने पाछो करवो छे
जिंदगीभर हुं तरसनां देशमां फरतो रह्यो
ए नदीना देशमां लांबो विसामो करवो छे
जिंदगी छे के पळॉजण कोइने समजाय क्यां?
स्पर्थथी तारा जीवडाने मजानो करवो छे
शांत झरणा जेवी खामोशी मने जचती नथी
कांकरी फेकी ह्रदयमां तारा चाळॉ करवो छे
आंख बीडुं त्या ज सपनामा तुं आवी जाय छे
तुं सतत सामे हो एवो पाथ पाको करवो छे
एक टहुको साचवीने राखवो छे कायमी
तारा दिलना टोडलामां एक माळॉ करवो छे
तुं “महोतरमां” जे कहेशे मानवा तैयार छुं
प्यारनी साथे हुकम देवानो धारो करवो छे
-नरेश के.डॉडीया
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