घणी जाहो-जलाली रही छे जीवनमां घणी वेळा Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia
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घणी जाहो-जलाली रही छे जीवनमां घणी वेळा Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia |
घणी जाहो-जलाली रही छे जीवनमां घणी वेळा
छतां च्हेरे सवाली रही छे जीवनमां घणी वेळा
घणा माणस मने ‘शायर’ए रीते कहीने बोलावे
छतां पण मनमां गाली रही छे जीवनमां घणी वेळा
- नरेश के डॉडीया
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Muktak
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