जिंदगी मेरी गजल सी सजने लगी. Hindi Gazal By Naresh K. Dodia
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| जिंदगी मेरी गजल सी सजने लगी. Hindi Gazal By Naresh K. Dodia |
जब से तेरी नजदिकीया बढने लगी
जिंदगी मेरी गजल सी सजने लगी.
राझ दिल मे हम छुपाये कितने यहा
सब हसीना की तु सौतन लगने लगी
जब से तेरी आंख कजरारी देखी
हुश्नकी तारीफ भी कम पडने लगी
क्या भरोसा आदमी कब चलता बने?
एक तु है दिल पे कबजा करने लगी
ऐक मौसम प्यार का होता है यहां
एक मौसम से तु आगे चलने लगी
ना समज थी जब मिली थी प्हेली दफा
अब तु अलफाजो से आगे पढने लगी
अब कमी तेरी सताती हरपल मुझे
आंख मे फिर से नमी सी पलने लगी
रोज तेरा जिक्र करना अच्छा लगे
जब "महोतरमां" की दिल मे चलने लगी
-नरेश के.डॉडीया
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Hindi Gazals

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