Aam To Apvathi Maru Kasu Jatu Nathi Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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Aam To Apvathi Maru Kasu Jatu Nathi Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
आम तो कैं आपवाथी मारू कशुं जातुं नथी
लागणीनो छे खजानो,खाली कशुं थातुं नथी
शब्द साथे लागणीनुं बंधन बरोबर जोइए
मात्र शब्दोथी कवितानुं स्त्रोत बंधांतुं नथी
आभ फांट्युं होय त्यारे कैं थीगडा चाले नही
एक वादळथी गगननुं बाकोरू संधातुं नथी
भर उनाळे तुं तरस चोमासानी लइने नीकळ्यो
मानवीनुं मन कदी चातक जेम समजातुं नथी
साव खालीखम बहारे,अंदर भर्युं आखुं जगत
एक दिल छे,जे मगजनी धमकीथी गभरातुं नथी
लागणीनी जात छे,पडतर क्यां सुधी राखी शको?
स्पर्शनी आदत पडी तो,ए फूल करमातुं नथी
एक मत्ला,एक मक्ता,वच्चे धणुं आवी शके
शेर वच्चेनी जगा जे खाली छे,ए वंचातुं नथी
जे छबीना आशरे जीवे छे शायर एने पूछो
ए"महोतरमां" ज जाणे शब्दोमां सुख गातुं नथी
-नरेश के.डॉडीया
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Gujarati Gazals
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