यादोके साये कुछ लंबे से हो जाते है Hindi Kavita By Naresh K. Dodia
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| यादोके साये कुछ लंबे से हो जाते है Hindi Kavita By Naresh K. Dodia |
यादोके साये कुछ लंबे से हो जाते है
जब अंधेरी रातमे चांद निकलता है
मिलोके फासले कुछ एसे बढ जाते है
जैसे खुदाने हम ना मिल शके
एसी कोइ साजिस की हो
अकसर ख्यालोमे खोया रहेता हुं हरदम
जैसे मेरे इस दर्दकी दवा नहीँ कोइ
कारवा मंजिलसे भटके भी तो कैसे
खुदाने एक ही तो रास्ता बनाया
जो सिर्फ तुम तक जाता है
-नरेश के. डॉडीया
Labels:
Hindi Kavita

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