मारा लगी प्होचीने थाकी जाय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia

मारा लगी प्होचीने थाकी जाय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
मारा लगी प्होचीने थाकी जाय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
मारा लगी प्होचीने थाकी जाय छे
रस्तामा तारी याद हांफी जाय छे

छेपट लगी आवनने जावन ज्यां हती
त्यां आगणामा पत्र नाखी जाय छे

दूरीने कायम हु मुसीबत मानतो
सपनामा कोई साथ आपी जाय छे

ज्यां हारमाळा यादनी कायम मळे
त्या एकलोती क्षणनी यादी जाय छे

पकडी नथी शकतो हुं प्हेला जेम हाथ
म्हेंदीना ब्हाने दूर भागी जाय छे

आदत ए माणसनी छोडी शकतो नथी
जे प्रेमनी लत रोज पाडी जाय छे

पापण उपर बेठक जमावी कायमी
एवां विरहना आंसु जामी जाय छे

आबोहवा च्हेरानी बदली गइ हवे
झाकळ जे रीते फूल छांडी जाय छे

उत्तम गझल काव्यो अमस्ता ना बने
ए प्रेम छे,सधळुं लखावी जाय छे

मारी “महोतरमानो” केवो छे कसब
बे श्वास आपी उम्र मांगी जाय छे
-नरेश के.डॉडीया
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