श्वासने सरखा करीने साचवी राखो तमे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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श्वासने सरखा करीने साचवी राखो तमे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
श्वासने सरखा करीने साचवी राखो तमे
जिंदगीना उपकरण साबुत नथी मानो तमे
लागणीनो भार उचकीने सतत चालु छुं हुं
क्यांक हुं लथडी पडुं तो हाथने जालो तमे
कोइ पण सरहदनी मर्यादा नथी राखी कदी
हुं विसामो लइ शकुं ए प्यार आपो तमे
कोइनी पडतर नथी होती ह्रदयनी लागणी
स्पर्श साथे फूल जेवा भावथी मांगों तमे
हुं रसम पाळी शकु एवुं कदी बनशे नही
आ नियमनी पाळथी आगळ हवे आवो तमे
जिंदगीमांथी हक्कीत क्यांक कोराणे मूकी
रूबरूमां नहिं तो सपनांनो खूणॉ पाडॉ तमे
आपणे हररोज मळवुं शक्य बनवानुं नथी
दूरतानां कायमी ककळाटने टाळॉ तमे
शब्दथी आगळ जवानी शक्यताओ छे घणी
आंगणे आवी अचानक मुजने ललचावो तमे
आ गझल ने काव्य तो ब्हाना बन्या छे बेंउनां
ओ महोतरमा गझलनो प्यार लागो छो तमे
-नरेश के.डॉडीया
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