आजे मारी ४२मी वर्षगांठनां दिवसे Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia

आजे मारी ४२मी वर्षगांठनां दिवसे Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
आजे मारी ४२मी वर्षगांठनां दिवसे Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
आजे मारी ४२मी वर्षगांठनां दिवसे
ए मारा चाहिता अरिसा सामे मारी जातने
में नवेसरथी रजु करी..
अने ए नपावट अरिसो!
थोडी वार सुधी मने टीकी टीकीने जोतो ज रह्यो
एटले में पण एनी सामे आंख मिचकारी लीधी!!

जेम जिममां मारी साथे एकसरसाइझ करतां
बीजा युवानो यंग छोकरीओने भूलीने मारी सामे
पुतळा बनी निष्पलक मने ताकता होय ए रीते

अने प्रेलो फूटडॉ यंग जीम-इन्स्ट्रकचर
यंग छोकरीओने बदले हमणा हमणा मने
वधुं पडतुं एटेन्सन आपतो हतो अने
मारी सामे माखणनां पडीका छोडतो रहेतो हतो

अने शा माटे मने एटेन्सन ना आपे??

पांच फूट अग्यार इंच उंचाइ-६५किलो वजन
लांबा,काळा अने घाटा वाळ…स्पोटलेश…
व्हाइट एन्ड ग्लोसी स्किन…बदामी आंखो…
३०इंचनी कमर धरावतुं..मारी सीमेट्रीकल बोडी
अने अफाट रणमां मीठी विरडी जेवुं मारी स्मित!!

हमणा हमणा वारेवारे एक वात याद अपावे छे!
“मेम,तमारा जेवुं इम्प्रुवमेन्ट आज सुधी जीमनी
कोइ लेडीए करी बताव्युं नथी…अने मेम!
तमने जोइने कोइ ना कहे के तमे ४२ ना छो!!!

अने मारी ओफिसमां काम करतां युवान कर्मचारीओमां
खास करीने बे युवानो……..मेडमने खूश करवा माटे
एक पण बहानुं जतुं करतां नहोतां….
एमानां एक युवान जे आर्टीस्ट हतो
एने मारा ज्न्मदिवसमां मारी नवी हेरस्टाइल वाळॉ
स्केच बनावी मने गीफट आप्यो.

मने मारो बे वर्ष पहेलानो जन्मदिवसनो प्रसंग याद आव्यो

एक ८८ किलो वजनवाळी स्त्री
पोताना चरबीवाळा पेटने साडीमां
छुपाववानी कोशिश करती रहेती हती..
त्यारे एनां पतिए ए स्त्रीनां कानमा कह्युं
“खंडहर बता रहा है के…इमारत कितनी बुंलद होगी,”

ए स्त्रीनां एना पतिना मुखेथी नीकळेला शब्दो
हथॉडानी जेम वागता हता,अने आ दर्दना क्रारणे
आंखोमांथी आंसुओ नीकळी गयां

अने आजे ४२मी वर्षगांठनी उजवणी पुरी थतां
ए स्त्रीने एनां पति ए स्त्रीने थ्रीपिस पारदर्शक गाउनमां
निष्पलक नयने निहाळतो हतो….अने ए स्त्रीने
टीकी टीकीने निहाळता अने मस्का मारतां
एक पछी एक बधा युवानो याद फिल्मनां
रीलनी जेम आंख सामे आवता गयां

काश ! आजे ए स्त्री पण मजाकमां
कही शकती होत के
“खंडहर बता रहा है के…इमारत कितनी खस्ताहाल थी..”

पण ए एक स्त्री होवाने लीधे अने लांबा लग्नजीवनना
कारणे एटलुं एनी समजमा आवी गयुं छे के….
“घरनी वात धर सुधी ज रहे ए सारुं छे..”
- नरेश के. डॉडीया
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