क्यारेक तारी आंखमां दरियो उछळतो होय छे, Muktak By Naresh K. Dodia

क्यारेक तारी आंखमां दरियो उछळतो होय छे, Muktak By Naresh K. Dodia
क्यारेक तारी आंखमां दरियो उछळतो होय छे, Muktak By Naresh K. Dodia
क्यारेक तारी आंखमां दरियो उछळतो होय छे,
क्यारेक खारा पाट जेवा रणनो रस्तो होय छे
नौका डुबे तो वांक दरियानो ज काढे छे बधां
कोइनी आंखोमां खुद समंदर भटकतो होय छे
- नरेश के. डॉडीया
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