थाय पीडा भीतरे तो काव्य गझलो लखवा पडे Muktak By Naresh K. Dodia
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थाय पीडा भीतरे तो काव्य गझलो लखवा पडे Muktak By Naresh K. Dodia |
थाय पीडा भीतरे तो काव्य गझलो लखवा पडे
दर्द हदथी ज्यां वधे तो शब्दने चोपडवा पडे
पूण्यशाळी जीव होवो जोइए जेने चाहुं छुं
शब्दने पावक प्रसादी रूपमां पीरसवां पडे
-नरेश के.डॉडीया
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Muktak
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