संबंध तो एक खूश्बूदार बगीचो छे Quote By Naresh K. Dodia

 संबंध तो एक खूश्बूदार बगीचो छे Quote By Naresh K. Dodia
 संबंध तो एक खूश्बूदार बगीचो छे Quote By Naresh K. Dodia 

हुं कोइ काउन्सीलर के सलाहकार नथी छतां घणा मित्रो मारी साथे एनी अंतरंग वातो करे छे अथवां कोइ नजीकनी व्यकितनी नानो मोटो विखवाद अने गेरसमजण होय त्यारे मारी साथे आ बाबते चर्चा करे छे..त्यारे एक वात तो चोक्कस समजाय छे के,

संबंधोमा जेटली आत्मियतां वधुं होय एटली ज एक बीजा माटे फिकर वधुं होय छे..छतां पण आवा अमुक संबंधो क्यारेक नाजुक दोरमांथी पसार थता होय छे..जे वात बे लोको एक बीजाने कह्या विना समजी जतां होय एवा ज बे लोको क्यारेक साव सहज अने नानी एवी वात समजी शकता नथी. 

घणी वखत अमुक लागणी के अंतरंग व्यकितनी साचो भाव समजवामां माणस थाय खाइ जाय छे.अने ज्यारे संबंधो नाजुक दोरमांथी पसार थता होय त्यारे चोक्कस गेरसमजण,थोडी घणी शंका,लांबा अंतरालनां समयमां पात्रमां आवेलो बदलाव अमुक हदे कारणभूत बने छे.

परिणामे जे व्यकित माटे कायमनी सुखनी कामना करतां हो ए ज व्यकितने आपणे दुख पहोचाडीए छीए अने एनुं दिल दूभावीए छीए.उपर में कह्युं एम अमुक वात तुरत समजाती नथी,खास करीने आवा तबक्कामां आवी वात समजवामां समय लागे छे.ज्यारे आ वात समजाय छे त्यारे आपणे ज आपणी जातने कोषीए छीए.

सोश्यिल वेबसाइट अने आधुनिक मेसेन्जरनां कारणे घणा स्त्री पुरुषो एक बीजानी नजीक आव्या छे अने लागणीनां तंतुथी जोडायेला होय छे,एमां निकवर्ती सबंधोथी लइने गहेरी मित्रतानां संबंधो आवी जाय छे.पहेला तो शुं नजीकनां पात्रो वच्चे आ प्रकारनुं कोम्युनिकेशन कनेकशन हतु नही,पण आ बधुं आव्या पछी ओनलाइन स्टेटसथी लइने अन्य मित्रनी पोस्टमां कोमेन्ट मुकवा जेवी बाबतमां झघडाओ थाय छे..अने आवा झघडाओ शिक्षित अने समजदार गणाय एवा लोको वच्चे पण थतां जोया छे.

निकटवर्ती स्त्री सिवाइ जेने नजीकनी मित्र कही शकाय एवी स्त्री साथे अमुक पुरुष एनां पुरुषगत स्वभावनां कारणे एना माटेनी लागणीना भावनां कारणे पझेसिव बनी जाय छे..आमां अमुक पतिदेव पण आवी जाय छे.आ बधुं बनतुं जोइने एम लागे के आ बधुं देख्यानुं दुःख छे.

एक वात हमेशां याद राखवी तमारा संबंधमां सामेनां पात्र माटे जे कंइ मनमां सवाल उभा थतां होय ए कोइ पण जातनी शरम राख्या विना एने तमे एक वार कही दो..एमां अमुक वात एवी होय जे सामेनां पात्रने अणगमती पण होइ शके छे...पण एक वार कही दीधा पछी बे चार दिवसमां तमारी मनमां उठेला सवालोनुं मोटाभागनुं निराकरण थइ जशे...जेटलुं तमे मनमां दबावी राखशो एटली ज वधारे गेरसमज उभी थवानी शक्यतां छे..

संबंध तो एक खूश्बूदार बगीचो छे..ए पछी मित्रतां होय के प्रेम होय...एने हमेशां तरोताजा राखवानी बंने पात्रनी संयुकत जवाबदारी छे..आवा संबंधो माफी मांगवी के माफ करवाथी आ संबंधोनी गरिमां वधे छे.
अस्तुं
-नरेश के.डॉडीया

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