तमे वारमवार मने फरियाद करो छो Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia
![]() |
| तमे वारमवार मने फरियाद करो छो Gujarati Kavita By Naresh K. Dodia |
तमे वारमवार मने फरियाद करो छो के हवे
तमारी अने मारी मुलाकात थती नथी.
पण हुं तमने केवी रीते समजावुं के
अनेक रीते तमोने छानोमानो मळी लउ छु
तमारी जाण बहार अने बंध आंखोमा
पछी वहेली सवारे पंखीओनां कंठमां
कलरव बनीने तमने प्रेमथी जगाडुं छुं
नरमाश भर्या सूर्यनां किरणो ओढीने
तमारा मुख पर शब्दोनी आभा फेलावु छु
ने तमारी आंख खुले ने हु खोवाय जांउ छु
आळस मरडता मुग्धतानो धोध छुटे छे त्यारे
तमारा बे हाथोना टचाकामा मलकतो होउ छु
तमे टुथब्रस लइ दांतने चमकावो छे,त्यारे
ए चमक पाछळ ताजगीमां छुपाइ जांउ छु
बधामांथी परवारी चाइनी चुस्की भरो छो
त्यारे भापसभर कडक मीठी खूश्बू बनी जांउ छु
ने पछी स्नानगृह तरफ प्रस्थान करो छो त्यारे
बाथरूमनी फर्शमा मारू अस्तित्व खोवाय जाय छे
ने भीना वाळमा सुंगंध थइ गुंथाय जाउ छु
रात्रे वियोगथी तमे झूरो छो त्यारे तमारी
आंखोमा विश्वनी अजायबी थइ सामे आंवु छु
ने तमे बंध आंखे अवनवा अचरज साथे
मने स्पर्शीनी एक बाळक जेम क्रीडा करो छो
एक टेडीबेरनी जेम जकडीने निंद्राधीन थाओ छो
कदी हवा बनीने तमारा फरफरता वस्त्रो साथे
थोडी गम्मत करी ने वाळमां अठखेलीया खेलु छु
सागर किनारे तमे पग भींजवता रहो छो त्यारे
मौजा बनीने तमने स्पर्शथी रोमांचित करू छु
अने भीना पगमा रेती बनी चोटी जाउ छु
तमारा हृदयना दरेक ताल साथे सुर बनु छु
ने श्वासोनी सितारनी धुने मौन गीत गांउ छु
तमारा अने मारा विचारोनी अजब साम्यतामां
तु जे विचारे छे ए हु शब्दोमा फरमावु छु
अने तु जे लखे छे ए शब्दोमा समाउ छु
साचु कहु"महोतरमा"सूर्यथी तेज छूटुं ना पडी शके
चंद्रमा साथे चांदनीनी शीतळता विखूटी ना पडी शके
तमारा ख्यालोने मारा सिवाय कोइ अडी ना शके
"महोतरमां"तमारी रूहमा मारा सिवाय कोइ भळी ना शके
ने ते छता कहो छो तमारू मिलन थातु नथी
-नरेश के.डॉडीया
Labels:
Gujarati Kavita

No comments:
Post a Comment