साव कोरी आंख लइने एमनी पासे जवानुं होय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
![]() |
साव कोरी आंख लइने एमनी पासे जवानुं होय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
साव कोरी आंख लइने एमनी पासे जवानुं होय छे
एक आशा बीज एनां दिलमां जइने रोपवानुं होय छे
एमना द्रारे जईने तुं कदी पाछो नही फरतो,छतां
द्वार ए खोले नही तो..भीत साथे भीडवानुं होय छे
दबदबाने जाळवीने राखवो पडशे नदी सामे सतत
एक दरियो थइ,नदीनुं तेज तारे खाळवानुं होय छे
होय माणस के हो जळ,क्यारेक तो पाछा वळावा तो पडे
पूर सामे आववानुं होय,त्यारे खाळवानुं होय छे
आंख सामे आंख तारे मेळवीने वात करवानी छे दोस्त
सत्यनी साथे असतनुं एक तारण तारवानुं होय छे
एक माणस जिंदगीथी दूर खसतुं होय तो पण थाय शुं?
ए ज माणसनी जगाए कोइने पण आववानु होय छे
माणवानी एक क्षण ए आपशे तो माणवानी होय छे
एक खूणामा अगोचर विश्व तारे खांचवानु होय छे
झंखनाओ झाड पर उगती नथी के तुं एने चूंटी शके
ए ज फळ तारी गझलना मांडवामां बांधवानु होय छे
ए "महोतरमां" तने एकांतमां मळवा कदी आवी जो चडे
एक नारीना ह्रदयमां स्थान तारूं शोधवानु होय छे
-नरेश के.डॉडीया
Labels:
Gujarati Gazals
No comments:
Post a Comment