वारसानो कोइ वैभव आ गझलमां आवे नही Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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वारसानो कोइ वैभव आ गझलमां आवे नही Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
वारसानो कोइ वैभव आ गझलमां आवे नही
होय साक्षर तोय लींटी ताणवाथी लागे नही
ते घसरको कोइ’दी खम्यो नथी त्वचानी उपर
वात लोहीनी करे तो भावकोने भावे नही
डायरीमा तुं पतंगीया साचवीने राखी शके?
मृत संबंधो जाळवो पण जीवता ए थाशे नही
रोज शीखामण मळे ए कोइने गमवानी नथी
वाळवानी होय छे त्या वात माणस वाळे नही
एक माणस आखरे आधार जेवो लागे कदी
ए ज माणस लागणीनी ओथ लइ शरमावे नही
बादबाकी जिंदगीमा मानवीनी थाती रहे
मेघ वरसे ए पछी पाछा फरीथी गाजे नहीं
प्राण पूरी जाय माणस एक पगलुं मूक्या पछी
आंगणाने एमना पगरव सिवा शणगारे नहीं
प्यादु थइने हाथमां साथे रहे जीवनभर छतां
पण लकीरोनी रमतमां दाव साचो जामे नही
-नरेश के.डॉडीया
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