बेवतन हुं दोस्त फिर भी मे दुआ करती हुं Hindi Gazal By Naresh K. Dodia
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बेवतन हुं दोस्त फिर भी मे दुआ करती हुं Hindi Gazal By Naresh K. Dodia |
बेवतन हुं दोस्त फिर भी मे दुआ करती हुं
कब कहा मैने तुजे दिल से जुदा करती हुं
अंजुमन मे मे अकेली भी कहा रहती हुं
याद के सांये तले अकसर चला करतीं हुं
तुं बहाने भी तरीके से जताता मुज को
तेरी मनमानी मुसलसल मे सहा करती हुं
ख्याल तेरा एक पल मुज से जुदा ना होना
हाल ए दिल मेरां गजलो में लिंखा करती हुं
शर्द मौसम और तेरा मुज से ना मिल पाना
जिस्म को तेरे मे ख्वाबो मे छुवां करती हुं
में तो बेठी हुं दबे होठो तले गम लेकर
फिर भी लोगो को हस के मै मिला करतीं हुं
एक रीश्ता जिंदगी को मिल गया है रब से
एक सजदा नाम से तेरे किया करती हुं
तुं है तो दुनिया से क्या लेना है मुजको बोलो?
एक तेरे दिल को दुनिया गिना करती हुं
-नरेश के.डॉडीया
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Hindi Gazals
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