साव आगळ जइने पाछळ जोइ तो समजाय छे Muktak By Naresh K. Dodia
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साव आगळ जइने पाछळ जोइ तो समजाय छे Muktak By Naresh K. Dodia |
साव आगळ जइने पाछळ जोइ तो समजाय छे
केटलां जण जोइने तमने सतत हरखाय छे
पारदर्शक लागणी कायम ह्रदयमां राखवी
प्रेम साचो आधळा माणसने पण देखाय छे
- नरेश के. डॉडीया
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Muktak
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