चीख मारा मौननी ए सांभळी शकतां नथी Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia

चीख मारा मौननी ए सांभळी शकतां नथी  Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
चीख मारा मौननी ए सांभळी शकतां नथी  Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia  
चीख मारा मौननी ए सांभळी शकतां नथी   
शब्द जे कहेवाने इच्छे ए कहीं शकतां नथी            

आगवो संवाद ज्यां एकातनो आव्यो कदी 
अन्य माणस ए जगा कबजो करी शकता नथी   

आंखथी इच्छा बधी जळ थइने व्हेती जाय छे 
दिलनी सघळी वात नेणां साचवी शकतां नथी   
        
जे नजर सामे मळे आभास जेवां थइ सदा   
मानवीनां मनना भावो ज्यां कळी शकता नथी            

ज्यां अजब जेवी करामत एमनी आंखोनी होय  
होय मय जेवा नशीला तोय पी शकतां नथी        

आखथी आघे वसे आखोने गमतुं एक जण                              
बेमांथी कोइ दूरीनुं रण वटी शकता नथी                                    

चौ दिशामा शब्द टहुके छे "महोतरमां" अहीं     
पांख फफडावे छता तेओ उडी शकता नथी                          
-नरेश के.डॉडीया
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