दीवानगीनो फेफ शब्दोने बरोबरनो चड्यो हतो Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia

दीवानगीनो फेफ शब्दोने बरोबरनो चड्यो हतो Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
दीवानगीनो फेफ शब्दोने बरोबरनो चड्यो हतो Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
दीवानगीनो फेफ शब्दोने बरोबरनो चड्यो हतो
वेपार करता एक जणए भेख शब्दोनो धर्यो हतो

सोइ तणखलाओना ढगमां शोधवां जेवु हतुं ए काम
मानव वसाहतमांथी माणस शोधवा हुं नीकळ्यो हतो

तरछोडवानु कोइ माणसने मने गमतुं नथी छतां
सामेना माणसनी खूशी खातर कदी पाछळ हट्यो हतो

सीधो सरळ परिचय बधानां मुख उपर मारो मळे छतां
मारो आ गुण बे-चार जणने कोइ कारणसर कठ्यो हतो

एनी उपेक्षा पण सदी गइ छे तबांकुं पान सम मने
लालाश आंखोनी हुं होठो पर सजावीने हस्यो हतो

घटमाळ वच्चे हुं धडातो जांउ छुं वासण टकांउ थइ
घोबा पड्या तोये टकोराबंध थइने खणखण्यो हतो

एवी मुसीबतनी घडीमां याद एनी आवती हती
एकांतनो त्यां आगवो संवाद शब्दोमां झर्यो हतो

मारी “महोतरमां” ज जाणे छे अधूरो छुं एनां विनां
जीवनमां एने पूर्णतानां एक हीस्सा सम गण्यो हतो
-नरेश के.डॉडीया
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