वादळी साथे अही वरसादनो आलम होय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
![]() |
वादळी साथे अही वरसादनो आलम होय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
वादळी साथे अही वरसादनो आलम होय छे
आखमां तारी कमीनो एक-धारो गम होय छे
कोइनी कीस्मत नथी मळती हथेळीओ मेळवी
कोइने तकदीर आगळ मळता माणस कम होय छे
स्पर्शनो संवाद बोले शब्दने बदले आंखमां
मौन होठोमां मलकतो प्रीतनो परचम होय छे
एक हदथी मानवी आगळ वधे नां संबंधमां
कोइने होवापणानो बोज भारेखम होय छे
कोइ माया प्रेमने क्हे छे तो कोइ आराधनां
सौनी समजण होय एवो प्रेम साथे दम होय छे
एक’दी मळती नथी तो केम उथलो मारे विरह
ज्यां सुधी मळती नथी तुं,आंख मारी नम होय छे.
गीत साथे ए गझल जेवुं कशुं बोले छे मने
ए “महोतरमानां” रवमां स्नेहनी सरगम होय छे
-नरेश के.डॉडीया
Labels:
Gujarati Gazals
No comments:
Post a Comment