आंख सामे श्वेत चादर फेलाय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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आंख सामे श्वेत चादर फेलाय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
आंख सामे श्वेत चादर फेलाय छे
अर्थ जीवननो ए वखते समजाय छे
जिंदगीभर एक तक झडपी ना शक्यां
जे हकीकतथी बुढापो शरमाय छे
आंख सामे द्रश्यनी ज्यां भरमार होय
लक्ष्य रेखां ए पछी कां लंबाय छे
जोइने जेने अरीसो डॉली जतो
ए ज च्हेरो जोइ आजे गभराय छे
थोभवुं गमतुं नथी छेल्ला श्वास लग
राख पण जळमा जुओ,तरती जाय छे
रोशनी खातर नयन जीवनभर बळ्या
मोतियो आवेने बत्ती ओलवाय छे
कोइना क्हेवाथी क्यां सधळुं थाय छे
प्रेम एक ज छे,विना कारण थाय छे
तुं कला अधरी गणावे सौने अही
फेसबुकमां सौना काव्यो वंचाय छे
खांसतो रहे छे छतां लखतो जाय छे
गीत यौवननुं कसमये ए गाय छे
ए महोतरनां पड्या पगला त्यारथी
कंकु चोखा शब्द रूपे पथराय छे
-नरेश के.डॉडीया
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