नीतरी रही छे उदासी आंखमांथी Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
![]() |
| नीतरी रही छे उदासी आंखमांथी Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
नीतरी रही छे उदासी आंखमांथी
साव हळवे नीकळे कै जातमांथी
डाळना पंखीनो नातो छे जुनो पण
कोइ थाकी जाय कायम साथमांथी
कोइने आसान लागे तोडवानुं
फूलनो नातो तूटे छे डाळमांथी
एक तणखो क्या सुधी तुं साचवशे?
आग पण क्यारेक ऊठे राखमांथी
कोइनुं पांबंध थइ जांवुं हतुं ज्यां
तोय पाणी तो छुटे छे बांधमांथी
जिंदगी वसमी बधाने केम लागे?
तोय सगपण क्यां छुटे छे प्राणमांथी
ज्यांरथी एनी हथेळीने अडयो छुं
कायमी खूश्बू उठे छे श्वासमांथी
झंखना मारी अदम कायमनी रहेशे
एक नारीने तो जाणो चाहमांथी
ए महोतरमानी मनमानी चलावुं
तो ज साचो यार लागे भावमांथी
-नरेश के.डॉडीया
Labels:
Gujarati Gazals

No comments:
Post a Comment