तुं घरोबो जात साथे केळवीने जोइ ले Gujarati gazal By Naresh K. Dodia

तुं घरोबो जात साथे केळवीने जोइ ले Gujarati gazal By Naresh K. Dodia
तुं घरोबो जात साथे केळवीने जोइ ले Gujarati gazal By Naresh K. Dodia
तुं घरोबो जात साथे केळवीने जोइ ले
जातने तुं माप साथे वेतरीने जोइ ले   

तुं अरीसामां सतत जोइने थाकी जाय तो
कोइ दिलमां साव चुपकेथी वसीने जोइ ले

एकधारी वांझणी आं सांज जोइ थाक तो?
काव्य गझलो जेवुं सर्जन तु रचीने जोइ ले

तुं सपाटी जोइ तारण जळनुं काढी ना शके
आंसु हो के होय ए दरियो डूबीने जोइ ले

साव भोळी लागणीनी जात समजे छे बधां
मांगणीनां अंश एमां सांकळीने जोइ ले

जेमने चाहो,ए सामे होय एवुं पण नथी
दूर गमता मानवीथी तुं वसीने जोइ ले

ए किरणनी जेम चमके आंखमा कोइनी जे
कोइमां तुं सुखनो सूरज थइ उगीने जोइ ले

आशरो शब्दोनो लइने काव्य तु रचजे नही
लागणीमां रकतनु बंधन कसीने जोइ ले

छे “महोतरमां” नजरथी दूर पण लागे छे पास
एमना जेवी करामत तुं करीने जोइ ले
-नरेश के.डॉडीया
Advertisement

No comments:

Post a Comment