थोडा समय साथे हुं थोडी लागणी लइने आव्यो छुं Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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थोडा समय साथे हुं थोडी लागणी लइने आव्यो छुं Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
थोडा समय साथे हुं थोडी लागणी लइने आव्यो छुं
तने गमे एवी गझल हुं चागली लइने आव्यो छुं
जोडी शके छे बेउने शब्दोथी लइ श्वासना नाते
नवतरथी नव संवेदनांओनी कळी लइने आव्यो छुं
पाबंध थावुं छे सतत सहवाशनी हर पळेपळमां
एवी शरत साथे सजा पण आकरी लइने आव्यो छुं
गमता रहेवानो ज मकसद मात्र मारो नथी,तेथी
समजणथी आगळ होय एवी हुं मती लइने आव्यो छुं
तुं ने तुं सामे होय एवी क्षणनी हुं झंखना लइने
सपनुं हो के हो ए हक्कीत,ए घडी लइने आव्यो छुं
मारी मुसीबतनुं हु कारण कोइने ना जणावुं,पण!
आवा विरहनी घातनी अरजी खरी लइने आव्यो छुं
धारी शके ए धारणानो धोध वरसे छे शब्दोमां
नक्कर कहो,ए लागणीनी थोकडी लइने आव्यो छुं.
मारी “महोतरमा”ने कायम खूश राखी शकुं माटे
हुं प्रेम ने उर्मि भरेली टोकरी लइने आव्यो छु
-नरेश के.डॉडीया
तने गमे एवी गझल हुं चागली लइने आव्यो छुं
जोडी शके छे बेउने शब्दोथी लइ श्वासना नाते
नवतरथी नव संवेदनांओनी कळी लइने आव्यो छुं
पाबंध थावुं छे सतत सहवाशनी हर पळेपळमां
एवी शरत साथे सजा पण आकरी लइने आव्यो छुं
गमता रहेवानो ज मकसद मात्र मारो नथी,तेथी
समजणथी आगळ होय एवी हुं मती लइने आव्यो छुं
तुं ने तुं सामे होय एवी क्षणनी हुं झंखना लइने
सपनुं हो के हो ए हक्कीत,ए घडी लइने आव्यो छुं
मारी मुसीबतनुं हु कारण कोइने ना जणावुं,पण!
आवा विरहनी घातनी अरजी खरी लइने आव्यो छुं
धारी शके ए धारणानो धोध वरसे छे शब्दोमां
नक्कर कहो,ए लागणीनी थोकडी लइने आव्यो छुं.
मारी “महोतरमा”ने कायम खूश राखी शकुं माटे
हुं प्रेम ने उर्मि भरेली टोकरी लइने आव्यो छु
-नरेश के.डॉडीया
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