एनी झलक जोता मने अणसार आवी गयो Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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एनी झलक जोता मने अणसार आवी गयो Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
एनी झलक जोता मने अणसार आवी गयो
एना वगरनी जिंदगीनो सार आवी गयो
तकदीर बनशे के नही कोने खबर छे अही
तक्दीर आगळ पण नवो आधार आवी गयो
लखवा नहोता कोइ काव्यने गझल कोइ’दी
बस स्मित तारूं एक मळता भार आवी गयो
भींजायने पलळी जवा आदत बनी आंखनी
वरसाद तारी यादनो श्रीकार आवी गयो
एकांतमां ममळाववानी क्षण बनी गइ हवे
क्षणने सदी वच्चे नवो व्हेवार आवी गयो
तारा गणीने आंख अजवाळी बनावी हती
मारी गझलमां आभनो शणगार आवी गयो
पामी जवामा कोइने केवी मथामण करूं
इश्वर हवे तारी समक्ष पडकार आवी गयो
बोलो’महोतरमां’छुपावुंक्या गझलमा तने
तारो अक्षर देहे नवो आकार आवी गयो
-नरेश के.डॉडीया
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