कुछ हिंदी शेर By नरेश के.डॉडीया
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कुछ हिंदी शेर By नरेश के.डॉडीया |
वो कारोबार की मानिंद रिश्ते अब निभाती हैं
जरुरत हो तो कुछ पल साथ मेरे वो बिताती हैं
- नरेश के. डोडीया
वो मेरे होठ तितली की तरह छू के गई हैं
तभी से इत्र की खुशबू ये होठो पे बसी हैं
- नरेश के. डोडीया
लबो से लब का मेरे और उसके बीच में जो फ़ासला हैं
खुदा जाने हमारे और उसके बीच कैसा मसअला हैं
- नरेश के. डोडीया
तैयार हुं हर एक गुनाह के लिए
बस तुं हा कर तेरी पनाह के लिए
- नरेश के. डोडीया
इतना भरम रखना नहीं चाहिए
की मुझ को तो बस सिर्फ तुं चाहिए
- नरेश के. डोडीया
उसने मुझे ये कह दिया की आप अच्छे लगते हैं
फिर उसने यह भी कह दिया शायर हो पगले लगते हैं
- नरेश के. डोडीया
हुस्न का तेरा गरुर ये आइना उतार देगा
तेरे चहेरे पे पडी सिलवट का जब हिसाब देगा
- नरेश के.डॉडीया
तुम्हे अब रुठने की कोइ ईजाजत नही हैं
मनाने के लिए इतनी मुझे फुरसत नही है
- नरेश के.डॉडीय़ा
इस लिए मैने उसे टेडी ना दीया तोहफे में
बांह में लेकर कहीं सोने की आदत पड ना जाए
- नरेश के. डोडीया
अपनी फितरत छोड कर में चाहतां हुं तुम्हे जान
तुंम ये मत समझो के औरो की चाहत नही हैं
- नरेश के.डॉडीया
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