अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें Gazal By सुदर्शन फ़ाकिर

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें Gazal By सुदर्शन फ़ाकिर
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें Gazal By सुदर्शन फ़ाकिर
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें
हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें 

हर एक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें 
चलो ज़िन्दगी को मोहब्बत बना दें 

अगर ख़ुद को भूले तो, कुछ भी न भूले 
कि चाहत में उनकी, ख़ुदा को भुला दें 

कभी ग़म की आँधी, जिन्हें छू न पाये 
वफ़ाओं के हम, वो नशेमन बना दें 

क़यामत के दीवाने कहते हैं हमसे 
चलो उनके चहरे से पर्दा हटा दें 

सज़ा दें, सिला दें, बना दें, मिटा दें 
मगर वो कोई फ़ैसला तो सुना दें 
-सुदर्शन फ़ाकिर

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