द्रश्यनी भरमार मारी आंखमां लागी पडी छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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द्रश्यनी भरमार मारी आंखमां लागी पडी छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
द्रश्यनी भरमार मारी आंखमां लागी पडी छे
कोइनी साथे वितावेली पळॉ सामे मळी छे
सांज मारी एक पण खाली जती न्होती ए वखते
आज एकलतानी आंधी चोतरफथी त्राटकी छे
कोइ आवी जिंदगीनी अध-वचाळे राह बदले
जिंदगीने श्वासनी आधार-शीला तुं बनी छे
साद पाडूं एटली आ दूरतानो कोइ मतलब?
श्वासथी लइने नशोमां मात्र तारी हाजरी छे
थोर कांटाळॉ हुं ने तुं खीलता पुष्पोनी वाडी
कायमी तारा रखोपां करती मारी लागणी छे
आवजा अमथी बधानी होय छे मारा जीवनमां
एक माइल स्टॉन जेवी पापणॉमां तुं उभी छे
साव कोरा कागळॉ क्यां कोइ वांचे छे अहींयां
में “महोतर मां लख्युं ज्यारे गझल जेवी गमी छे
-नरेश के.डॉडीया
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