एक चीलो जगथी नोखो पाडवानो होय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia

एक चीलो जगथी नोखो पाडवानो होय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
एक चीलो जगथी नोखो पाडवानो होय छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
एक धारो प्रेम ज्यारे आपवानो होय छे
एक चीलो जगथी नोखो पाडवानो होय छे

जातने भूली जवानी होय चाहतमां सदा
अंह त्यारे खुदमाथी ओगाळवानो होय छे

शब्दने शणगारवाथी मात्र खूशी ना मळे
भाव दिलमांथी कलममां नाखवानो होय छे

आवशे तारी मुसीबतमां ए माणस काममां
जेमने अधिकार भावे चाहवानो होय छे

जिंदगीमा कोइ आवे छे जीवनना नामथी
त्यारथी साचा समयने माणवानो होय छे

एमने निर्दोषतानो स्पर्श कायम आपजो
बंध आंखे बोल जेनो जीलवानो होय छे

आयनामा डाघने धोवानी कोशिश ना करो
बिंब जोवा डाघने स्वीकारवानो होय छे

कोइनी आंखोमा ज्यारे स्थान पामो जो तमे?
त्याथी दिलनो एक रस्तो शोधवानो होय छे

एमनी तासिर प्रमाणे जात केळववी पडे
कायमी तकरारनो भय टाळवानो होय छे

साव पासे जइ अडी शकतो नथी एने कदी
त्यां पवननी जेम नातो राखवानो होय छे

ए रूठे त्यारे मजा आवे मनावानी मने
भाव एनी मुग्धतानो माणवानो होय छे

शब्दना साथी रूपे ज्यारे “महोतरमां” मळी
एक माळॉ शब्द डाळे बांधवानो होय छे
-नरेश के.डॉडीया
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