मारी दुआमां तुं असर थइ रोज चडती रहे छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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मारी दुआमां तुं असर थइ रोज चडती रहे छे Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
मारी दुआमां तुं असर थइ रोज चडती रहे छे
हुं नाम तारूं लउ,खुदा थइ रोज मळती रहे छे
तारा थकी म्होरी उठे सांजो बधी फूल थइने
मारी गझलना अवगुठनमा रोज सजती रहे छे
मौसम तने वळगी वसंती रंगनी जेम अंगे
थनगनथता अरमानमां रंगीन मस्ती रहे छे
नाराज होवानो हवे मोको कदी हुं नही दउ
मारी गझल तकरीर पण तारी ज करती रहे छे
चौदे भुवनमा रोज तारूं नाम बोलाय छे कै
तुं जोगणी थइने नयनमा रोज रमती रहे छे
मारी बधी इच्छा समापन थाय तारी कथामां
अध्याय मारी जिंदगीना तुं ज लखती रहे छे
मारी "महोतरमा" थकी उजळॉ बनी हुं फरूं छुं
मारूं जीवन रोशन करीने तुं ज जलती रहे छे
-नरेश के.डॉडीया
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