मने हजु पण भयंकर एज एकलता डरावे छे Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia
![]() |
मने हजु पण भयंकर एज एकलता डरावे छे Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia |
मने हजु पण भयंकर एज एकलता डरावे छे
मळॉ छो रोज तोये यादनी वणजार आवे छे
तमे हरकत बधी बाळक समी शब्दोमां देखाडॉ
हवे ए सोडषी जेवी बधी चाहत जतावे छे
- नरेश के.डॉडीया
Labels:
Muktak
No comments:
Post a Comment