अंगमां तारा भरी छे मोगरानी म्हेक व्हाली सखी Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia
![]() |
| अंगमां तारा भरी छे मोगरानी म्हेक व्हाली सखी Gujarati Muktak By Naresh K. Dodia |
अंगमां तारा भरी छे मोगरानी म्हेक व्हाली सखी
स्वरमां तारा झरमरी छे मोरलानी ग्हेंक व्हाली सखी
नीखरी छे तुं धवलने श्याम बेऊं रंगनां ढोळमां
रूपनी तारी तो कायम होय रेलमछेल व्हाली सखी
- नरेश के. डॉडीया
Labels:
Muktak

No comments:
Post a Comment