तडप तडप के मेरी रूह के चराग जल जाते है Hindi Kavita By Naresh K. Dodia

तडप तडप के मेरी रूह के चराग जल जाते है Hindi Kavita By Naresh K. Dodia
तडप तडप के मेरी रूह के चराग जल जाते है Hindi Kavita By Naresh K. Dodia
तडप तडप के मेरी रूह के चराग जल जाते है
प्रिये,जब भी तेरी यादो के रूपक बदल जाते है
पाये या ना पाये सजनी,इस जिवन के दोर मे
प्रिये सिर्फ तेरे नाम से अरमान मचल जाते है

बेरंग सी दुनिया मे मुझ को तेरा रंग दिखता है
तेरी पनाह में ये जिंदगी के रंग निखर जाते है
कहा से दे नजराना तुजे मेरा ये खुन ए जिगर?
ये खुन श्याही बने के गजल में चिपक जाते है

आयने की तरह टूट जाता हुं टूकडॉ मे बटकर!
हर टुकडे मे सिर्फ तेरे ही अक्स बिखर जाते है      
मेरी आशीकी का नया अंदाझ देख जाने ए हयात
फिर कहेगी,तुम्हारे ख्याल रुह मे उतर जाते है

मे अखबार नही,जो दुसरे दिन पुराना हो जांउ
जिंदगी का वो पन्ना हुं,जहां लम्हे ठहर जाते है
सिर्फ तुजे पाने की हसरत मे लिखता हुं गजले
तेरे ख्याल से दिल से अलफाझ निकल जाते है

बडी बेसब्री रहेती है रातो में जल्दी निंद आ जाये
महोतरमा की यादो के लुटेरे निंद लूंटकर जाते है
(नरेश के.डॉडीया)
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